शनिवार, 31 जनवरी 2009

बड़े बाबु

यह सच्ची कहानी मैंने अपने दोस्तों को सुनाया करता था । बड़े बाबु एक बेरोजगार व्यक्ति थे । कायस्थ परिवार के थे इसलिए पढने लिखने का शौक था और जमीन थी तो शायद उन्होंने नौकरी की जरुरत नहीं समझी । चूँकि उनके पास समय ही समय था तो एक रूटीन में वो अपना समय बिताते थे। अखबार पद्गने का उनको शौक या नशा था । अखबार वो खरीदते नहीं थे । तक़रीबन दस बजे नाश्ता करके घर से निकलते और धीरे धीरे अपन वक्त काटते । कई जगह पड़ाव लगाकर आख़िर में नई शहर के बाजार में कामता के पान दुकान पर आते और देश दुनिया के ऊपर ( तब तक उन्ही की तरह कुछ रेगुलर लोग जो उसके दूकान पर उस समय बैठकी लगाते ) अपना विचार प्रकट कर वापस घर लौट जाते थे। उस समय बिहार में सिर्फ़ दो समाचार पत्र प्रकाशित होते थे , आर्यावर्त और प्रदीप । बड़े बाबु दोनों अख़बारों को काफ़ी डिटेल में पढ़ते थे शायद निविदा (टेंडर) पेज भी । मजे की बात तो यह थी की अपने कई पडाओं पर वो एक ही अखबार बार बार पढ़ते थे। शायद समय काटने के लिए यह जरुरी था । pahla पड़ाव था पंडित जी का घर । पंडित जी के यहाँ एक अखबार आता था और वह उनके दालान में उपलब्ध रहता था। शायद घर का कोई व्यक्ति पढ़े न पढ़े अखबार दालान की शोभा थी । बड़े बाबु की तरह कई लोग जो उनके यहाँ आते अखबार पढ़ते थे । पंडित जी काफ़ी बूढे हो चुके थे और आंखों की रौशनी जा चुकी थी। एक दिन की बात है बड़े बाबु रोज की तरह पंडित जी के यहाँ पहुँच गए और अखबार पढने लगे । पंडित जी झपकी ले रहे थे । थोडी कुछ देर बाद पंडित जी ने पूछा," का बड़ा बाबु , का समाचार है ? " बड़े बाबु ने कहा, " जी पंडित जी, अभी पढ़ी थी ।" थोडी देर बाद पंडित जी ने फिर पूछा, " का बड़ा बाबु कुछ समाचार तो बोला ।" बड़े बाबु ने फिर कहा, " जी पंडित जी अभी पढ़ी थी ।" थोड़ा समय और गुजरा और पंडित जी ने फिर पूछा " अरे बड़ा बाबु कुछ समाचार तो बतावा ।" बड़े बाबु ने फिर से कहा, " जी पंडित जी अबी पढ़ी थी कुछ होती तो बतैबी ।" पंडित जी के सब्र का काबू जैसे टूट गया । गुस्से से वे बड़े बाबु पर टूट पड़े ," एक घटा से पढ़ी था जे है से की सारा अखबार सादा है का ? "
बड़े बाबु चुपके से निकल लिए और अपने अगले पड़ाव पर वही अख़बार फिर से पढ़ना शुरू किया जैसे कीच हुआ न हो और जैसे उन्होंने उस दिन का अखबार पढ़ा ही न हो । उनके दिनचर्या में कोई फर्क न आया , हाँ दूसरे दिन से वो पंडित जी के दालान में नहीं दिखे।

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